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कॉलगर्ल

2 इनोवा एक आलीशान बंगले की पोर्च में रुकी। बाहर से ही बंगला अत्याधुनिक लग रहा था। उसका फर्नीचर बेनमून  इंटीरियर, ग्लास सब कुछ सपनो के महल जैसा लगा । संकेत के पीछे-पीछे लवलीन ने बंगले में प्रवेश किया। ग्राउंड फ्लोर पर आठ रूम थे। ठीक मध्य रूम में वह प्रवेश कर गया। इतना वैभवी रूम देखकर लवलीन दंग रह गई। रूम की छत पर इटालियन बनावट के झुम्मर लगे थे । कमरे की दीवारें खजुराहो के स्थापत्य की भांति कामशास्त्र की विभिन्नताओं को उजागर करते बेहद खूबसूरत शिल्प से सुशोभित थी। लवलीन एक-टुक कमरे की दीवारों पर छाई खूबसूरती देखने में व्यस्त थी। एक कॉर्नर पर मखमल की बैक सपोर्ट फ्रॉम बेड सेट मौजूदा था। उस पर मखमली चादर बिछी हुई थी। लवलीन बेड पर बैठ गई। अभी भी उसकी दृष्टि दीवारों पर लगे शिल्प स्थापत्य पर थी। इन चित्रों को देखकर मन तुरंत रिएक्ट करें, यही मकसद था। कितने खुबसुरत चित्र थे। सामने की दीवार पर हॉरर फिल्म में दिखाई देते लंबे सींग वाले हिरण का बुत था। उसकी आँखों में चमक थी। जैसे वह कमरे को ही देख रहा था। "हेय लवली कहाँ खो गई.?" संकेत ने लवलीन के गाल पर अपने हाथों से छुआ जबकि वह देख रहा था लवलीन खुद को नॉर्मल दिखाने की कोशिश में लगी थी। जबकि वह थी नहीं। लवलीन की खूबसूरती देखकर संकेत पूरी तरह पगलाया हुआ था। संकेत लवलीन को खा जाने वाली नजरों से देख रहा था। उसकी पैनी नजरों को देखकर लवलीन अंदर तक कांप उठी थी। मन ही मन घबराहट के कारण उसका बुरा हाल था। बार-बार वह संकट से नजरे ना मिलकर उसके कमरे की दीवारों को देख रही थी। जैसे वह अपनी नज़रें चुराना चाहती ना हो। उसकी अदाओं का दीवाना बना संकेत पूरी तरह लवलीन के जादू में खो गया था। शायद वो यह सब देख कर थोड़ी हैरान थी। पहली बार इस तरह किसी पुरुष को मिलने जो आई थी। उसके लिए तो अंजाना ही था ना वो? कितनी जान पहचान थी ? मात्र कुछ दिन का चैटिंग..? "डर लगता है तो घर छोड़ दूं ?" संकेत ने लवलीन का मन जानने के लिए पूछा। पर उसमें 'ना' बोल दिया। "ड्रिंक लोगी?" "नो, थैंक ओनली वॉटर..!" उसने मिनरल वॉटर की बोतल लवलीन के हाथ में थमा दी। बरसों की प्यासी हो इस तरह वह आधी बोतल गटक गई। उसकी सांसे तेज हो गई थी। गुलाबी चेहरे की रंगत में कितना खुमार आ गया था जैसे चेहरे पर किसी ने जादू की छड़ी घुमा दी हो। संकेत ने ड्रिंक्स लिया। लवलीन के गोरे चेहरे पर उसने हाथ फेरा। उसके दोनों होठों पर उँगलियों का स्पर्श किया।  उसके बदन में एक हल्की सी झुरझुरी दौड़ गई। लवलीन चेहरे पर मुस्कान लिए उसकी क्रियाए देख रही थी। उसकी धड़कन तेज हो रही थी।  संकेतने उसके सोनेरी बालों को पीछे धकेला और धीरे से उसकी पलकों पर अपने प्यासे होंठ रख दिए। लवलीन का चेहरा लाल हो गया। शरीर में उबाल आया था। बरबस ही शरीर परवश होता चला गया। संकेत लवलीन के संगमरमर बदन पर पेट और नाभि के आसपास अपनी उंगलियां घुमा रहा था। आखिरकार लवलीन से रहा न गया उसने संकेत को आलिंगन में ले लिया। अपने वस्त्र त्याग दिए। संकेत भी वही दशा में था। फिर शुरू हुई एक दूसरे में एकरूप होने की यात्रा। बेकाबू हुई नदी के दो किनारे धुलने लगे। जैसे पूर उमड़ आया—- उफान भरी भरती उठी। एक दुर्लभ मीठा सा दर्द लवलीन के अस्तित्व को चीरता रहा। वह दर्द उसे मनोरम लगा। उबालने संकेत को काफी समय तक जैसे बांध लिया था। आधे घंटे के बाद सब कुछ ठीक हो गया। वह थक गया था। शरीर बिल्कुल शिथिल। "तुमने लॉन्ग टाइम लिया। अद्भुत एक्सपीरियंस रहा थैंक्स संकेत।" संकेत के चेहरा भावरहीत था। निर्वस्त्र लवलीन के हाथ को खींचता हुआ वह खड़ा हो गया। सभी कामुक शिल्प जैसे उसकी हंसी उड़ा रहे थे। सामने मेज पर पड़े लैपटॉप का संकेत ने स्क्रीन ऑन किया। अब उसके चेहरे किरंगत पूरी तरह बदल चुकी थी। उसकी बड़ी-बड़ी आंखों में रहस्यमई भाव थे। पता नहीं क्यों संकेत की आंखें किसी कटारी की तरह धारदार हो गई थी। स्क्रीन को लवलीन की तरफ घुमाया। अब जो होने वाला था वो कल्पनातीत था---डरावना था। स्क्रिन पर जो दृश्य मौजूद था वो उसके लिए आघात जनक था। उसमें जो दृश्य लवलीन ने देखें, उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई। चेहरे ने अनेक रंग बदले। हवाईयाँ उडने लगी। तब बड़ी ही लापरवाही से उसने कहा, "सेकंड इनिंग में अपने बीच एक 'डील' होनी चाहिए!" उसने रुपयों का बंडल लवलीन के सामने रख दिया। अब तुझे पैसों के लिए इधर-उधर हाथ मारने की जरूरत नहीं है। संकेत ने जिस तरीके से लवलीन को ब्लैकमेल किया उसने कभी सपने में भी सोचा नहीं था कि ऐसा कुछ होने वाला है। संकेत की बात को ठुकराना लवलीन के बस की बात नहीं थी। उसने अपनी झुंझलाहट छूपाकर चुपचाप संकेत ने जो पैसे उसकी ओर फेंके लवलीन ने तुरंत उठा लिए। लवली ने अपनी घबराहट छुपा कर पैसों को अपने पर्स में रख लिया और फटाफट कपड़े पहने लगी। अब उसकी मां पूरी तरह खट्टा हो चुका था संकेत जो उसे कुछ देर पहले बहुत ही अच्छा इंसान लग रहा था वह अब किसी दुश्मन से कम नजर नहीं आ रहा था। लवली का मन कर रहा था कि उसका गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दे मगर इतनी हिम्मत लवलीन में नहीं थी। संकेत का प्रतिकार करने की हिम्मत उसमें जरा भी नहीं थी। तो वह तेजी से बाहर निकल गई। अपने कपड़ों को ठीक करता हुआ दरवाजा लॉक करके संकेत भी उसके पीछे बाहर निकला। उसे किसी बात की चिंता नही थी। ना ही लवलीन का दर्द उसे नजर आ रहा था। संकेत ने उसकी मजबूरी का जमकर फायदा उठाया था। काश की लवलीन पहले ही आगे न बढती।


लवलीन ने कंप्यूटर स्क्रीन पर ऐसा क्या देखा? क्या आप यही सोच रहे हो कि अपनी पर्सनल पलो को उसने कैमरे में कैद किया था? आखिर संकेत का मकसद क्या था? और लवलीन के साथ उसकी कौन से डील होने वाली थी? इन सारे सवालों के जवाब आपको कठपुतली देगी पढ़ते रहिए।


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4 Comments

Nafe Singh kadhian

24-Oct-2023 01:31 PM

mst

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Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 10:25 PM

Nice one

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HARSHADA GOSAVI

30-Sep-2023 07:09 AM

V nice

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